गोरखपुर गोरखपुर उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक जिला है ।गोरखपुर अपने गोरखनाथ मंदिर, गोरखपुर रेलवे स्टेशन, गीता प्रेस के कारण पूरे विश्व में जाना जाता है । गोरखपुर जिले का नाम यहां के प्रसिद्ध ऋषि गोरख नाथ के नाम पर पड़ा है ।गोरखपुर जिला कई पड़ोसी जिलों से घिरा हुआ है जैसे देवरिया, आजमगढ़, मऊ, संतकवीर नगर, सिद्धार्थनगरइत्यादि।
गोरखपुर का इतिहास
योग गुरु गोरखनाथ के नाम पर पड़ा जिले का नाम गोरखपुर करीब 260 साल पुराना है 9 वी शताब्दी मेगोरखपुर जिले का नाम गोर्कक्षपुर रखा गया था । लेकिन जैसे जैसे शासक बदलते गए इस जिले का नाम भी बदलता गया कभी इस जिले का नाम सुबेसक्रिया तो कभी अखत नगर परन्तु 16वी शताब्दी में औरंगजेब के शासन काल में इसका नाम मोजनगा बाद पड़ा औरंगजेब का बेटा मोजंगयहां शिकार के लिए अक्सर आया करता था इस लिए इस जिले का नाम मोजंगा बाद पड़ा सान 1801 मेअंग्रेजो ने इसका नाम गोरखनाथ जी के नाम पर गोरखपुर रख दिया ।गोरखपुर की अर्थ व्यवस्था मुख्यत कृषि पर आधारित है ।गोरखपुर का रेलवे स्टेशन भारत के मुख्य स्टेशनों मे से एक है ।गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन मौजूद है ।इसकी लंबाई लगभग 1366.33 मीटर है ।
गोरखपुर अपने पर्यटक स्थल की वज़ह से भी जाना जाता है।था घूमने के लिए कोने कोन से लोग आते है और इसका आंनद लेते है ।यहां गोरखनाथ का विशाल मन्दिर है जो शहर के बिचो बीच स्थित है ।इस मंदिर का निर्माण उस स्थान पर हुआ है जहा बैठकर गुरु गोरख नाथ साधना किया करते थे ।प्रतेक वर्ष यहां मकर संक्रांति मेले का आयोजन किया जाता है।सबसे पहले खिचड़ी का प्रसाद बनाना यही से प्रारंभ हुआ।
योग गुरु गोरखनाथ का जन्म
आप सभी जानते है गोरखपुर जिले का नाम योग गुरु गोरखनाथ जी के नाम पर पड़ा है एक बार गुरु मचछंदर नाथ भीख मांगने के लिए निकले जगह जगह घूम घूम के भिक्षा मांगने लगे भिक्षा मांगते मांगतेएक गाव मेगए गांव बहुत ही अच्छा था उस गांव में जाकर एक घर के सामने भिक्षा मांगने के लिए आवाज लगाई आदेश, आदेश, आदेश यानी भिक्षा दो भिक्षा दो ।
उस घर में से एक महिला भिक्षा लेकर बाहर आई उनका चेहरा एकदम उदास था जिसको देखकर गुरु जी ने पूछा तुम्हें किस बात कि परेशानी है उस महिला ने जवाब दिया गुरु जी मेरी आदि को कई साल हो गए लेकिन एक भी संतान नहीं है गुरु जी ने उस महिला को भभूत दिया और बोला कहा लेना संतान हो जाएगा और गुरु जी वहा से चले गए ।
समय बीतने लगा 13 साल बाद गुरु जी दोबारा फिर उसी महिला के घर पर आए गुरु जी और भिक्षा मांगने लगे महिला घर में से भिक्षा लेकर निकली उसका चेहरा पहले की तरह ही उदास था गुरु जी बोले अब तो तुम खुश होगी क्योंकि तेरी संतान भी तो हो गई है अब महिला ने जवाब दिया नहीं गुरु जी मेरी कोई सन्तान नहीं हैं गुरु जी बोले ऐसे कैसे हो सकता है मैंने जो भभूती बना के दी थी तुमने खाया होगा तो जरूर संतान होगा ।महिला ने कहा नहीं मैंने नहीं खाया गुरु जी बोले क्यों नहीं खाया तो महिला ने जबाव दिया की गुरु जी मै एक विधवा महिला हूं मै कैसे बच्चे को जन्म दे सकती हूं जिस दिन आपने भभूती दी उसी दिन मेरे पति की मृत्यु हो गई इस लिए मैंने भभुती नहीं खाई।इतनासुनकर गुरु जी ने पूछा कि भश्मी कहा रखी हो तो उस महिला ने कहा की गुरु जी मैंने वोभभूती गाय के गोबर में डाल दी तो गुरु जी ने कहा गाय का गोबर ही ले आओ जिसमे वोभभूती डाली थी वो महिला लेकर आई तो गुरु जी ने उसको हाथ पर लिया और कहा बेटा गोरक्षनाथउठो उस गोबर मे से एक 12 साल का बालक निकाल ।इस लिए उनका नाम गोरखनाथ पड़ा ।इनको शिव का अवतार भी माना जाता है इन्हीं के नाम पर गोरखपुर पड़ा है।
गोरखपुरका पर्यटन स्थल
- गोरखनाथ मंदिर यह मंदिर शहर के बीचों बीच में स्थित है यह योग गुरु गोरखनाथ का मंदिर है मान्यता है कि गोरखनाथ जी ज्वाला देवी से निकाल कर भिक्षा मांगने के लिए गोरखपुर आए थे और यही रहा गए दोबारा लौट के गए ही नहीं और थी दीक्षा लेकर सन्यासी हो गए । 12 वी शताब्दी मे इस मंदिर का निर्माण हुआ था ।मकर संक्रान्ति के दिन सभी को यह भोजन दान किया जाता है।मंदिर परिसर के अंदर एक तालाब भी है ।
- गीता प्रेस यह एक मात्र ऐसा प्रेस है जिसने हिन्दू दर्म की सारी धार्मिक पुस्तकेमिलती है यहां गीता,रामायण, काव्य , उपन्यास आदि सभी प्रकार की पुस्तके मिलती है आप उसको देख भी सकते है खरीद भी सकते है ।
- नेहरू पार्क यह पार्क गोरखपुर के लाल डिगी इलाके में स्थित हैं यह पार्क चमकदार लाइट औरफबबारे की रोशनी के कारण बहुत सुंदर दिखता है ।यह एक स्मारक भी है जो 16 सितम्बर 2005 को स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल को समर्पित है
- विंध्यवासिनी पार्क यह पार्क अपनी वस्तु कला का बेहतरीन डिजाइन से सुशोभित है इस पार्क में पूरे दिन आप अपने परिवार के साथ बिता सकते है यह एक पर्यटक स्थल है
- नीर निकुंज पार्क यह पार्क गोरखपुरका एक जल पार्क है यहांअक्सरनए जोड़े जाते है और मस्ती करते है मस्ती और मनोरंजन कि सारी व्यवस्थाएं यह पर है अलग अलग तरह का प्रकाश इसकी शोभा को और बढ़ाता है ।
- कुसमी वन यह एक शाक के पेड़ों को घना जंगल है जिसमे अनेक प्रकार के जीव जंतु पाए जाते है और इस जंगल के अंदर एक बुढ़िया माई का मंदिर है जिसकी मान्यता है कि को भी आप उनसे मनोकामना करते हो वो पूरी हो जाती है ।
- वीर बहादुर सिंह तरह मंडल यह मंडल सभी को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यहां अक्सर स्कूल के बच्चो का टुरलेजाया जाता है जिससे बच्चो को कुछ न कुछ सीखने को मिला सके ।
- राम गढ़ ताल इस ताल को देखने के लिए सुबह व साम को लोग आते है इस तक का राष्टीय अस्तर भी जादामहत्व है शाम होते ही इस ताल का नजारा बदल जाता है जो अपनी तरफ आकर्षित करता है।इसमें नोका विहार किया जाता है जो कि और भी में को मुग्ध करता है ।